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अब NDA के बिना सेना में अफसर बनने का सपना होगा पूरा..

CDS Eligibility 2023: CDS का मतलब कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज है, और यह इंडियन आर्म्ड फोर्सेज में चयन के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा है। यह परीक्षा, ग्रेजुएट लोगों के लिए आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में 21 से 24 साल के छात्र हिस्सा ले सकते हैं।

क्या हैं CDS?
CDS की परीक्षा डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स (airforce) में ऑफिसर बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित होती है।

Combined Defence Services (CDS) परीक्षा के लिए एलिजिबिलिटी:

उम्मीदवार भारत (india) में स्थायी रूप से बसे हों
उम्मीदवार ग्रेजुएट (graduate) हों या ग्रेजुएशन (graduation) के अंतिम वर्ष में हों
एग्जाम देने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 19 वर्ष होनी चाहिए
उम्मीदवारों की उम्र 20-24 साल के बीच होनी चाहिए
पुरुष उम्मीदवारों की लंबाई कम से कम 157.5 cm होनी चाहिए, नौसेना के लिए 157 cm और एयरफोर्स के लिए 162.5 cm होनी चाहिए
CDS परीक्षा का पैटर्न 3 चरणों (I, II, III) में होता है:

प्रिलिमनरी एग्जामिनेशन (return exam – I): यह पहला चरण है और इसमें 3 पेपर्स होते हैं – एक पेपर मैथ्स, एक पेपर जनरल नॉलेज, और एक पेपर अंग्रेजी भाषा में। इस परीक्षा को सफलता पूर्वक पास करने वाले उम्मीदवारों को अगले चरण में भाग लेने का अधिकार होता है।

मैंन एग्जाम (return exam – II): इसमें वही 3 पेपर्स होते हैं – मैथ्स, जनरल नॉलेज, और अंग्रेजी भाषा में। इसके बाद, सफल उम्मीदवारों को तीन सेना अकादमियों (इंडियन मिलिट्री एकेडमी, नैवल अकादमी, एयर फोर्स अकादमी) के लिए इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।


इंटरव्यू और मेडिकल एग्जाम: इंटरव्यू चरण में, उम्मीदवारों को उनकी पर्सनालिटी और अनुभवों पर आधारित इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इसके आधार पर उन्हें सेना की तैयारी और हाई लेवल लीडरशिप स्किल्स में जाँचा जाता है।

रिटन एग्जाम यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (return exam union public service commision ) द्वारा आयोजित किया जाता है। इंटरव्यू और मेडिकल एग्जाम सर्विस सिलेक्शन बोर्ड द्वारा आयोजित किए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के आधार पर, उम्मीदवारों का चयन अगले चरण में होता है और उन्हें विभिन्न सेना अकादमियों में प्रशिक्षण दिया जाता है। यदि वे प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं, तो उन्हें आर्म्ड फोर्सेज के ऑफिसर के रूप में नियुक्ति मिलती है। CDS एग्जाम पास करने वाले उम्मीदवारों को कैडेट ट्रेनिंग से गुज़रना पड़ता है। ट्रेनिंग के दौरान सेना, नौसेना, या समकक्ष पदों के अधिकारियों को निश्चित स्टाइपेंड मिलता है।

Prachi Chaudhary

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